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जीएसटी यानी आशंका के बादल ?

कपड़ा मार्केट पर बंद की बारिश; भीगे पापड़ संभाल रही महिलाएं
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*मोहन थानवी*

बीकानेर 23/6/17। जीएसटी अब लागू होने को है। *जीएसटी के समर्थकों द्वारा खूब ढोल बजाया जा रहा है कि इसके लागू होने से आमजन को और व्यापार-उद्योग जगत को सहूलियत रूपी लाभ मिलेगा। जबकि बीकानेरी पापड़ उद्योग की रीढ, पापड़ बटाई कर परिवार चलाने वाली हजारों महिलाएं अपनी मेहनत से जमा जमाया रोजगार का साधन प्रभावित हो जाने को लेकर चिंतित हैं, उनकी चिंता की ओर किसी का ध्यान तक नहीं गया है।*

*बीकानेर में एक ओर जहां कपड़ा व्यापारी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पिछले काफी समय से बीकानेरी पापड़ उद्योग के प्रतिनिधियों ने मरुधरा के घर-घर की महिलाओं से जुड़े इस उद्योग को कर मुक्त करवाने के लिए दिन-रात एक कर रखा है जिसकी भी किसी ने परवाह नहीं की है।* देश भर में व्यापार-उद्योग जगत के काफी लोग जीएसटी का विरोध कर रहे हैं और आमजन तो अब तक यह जानने में ही माथापच्ची कर रहा है कि जीएसटी का प्रारूप और इसका मतलब क्या है? *समर्थक तो यह भी बताने से नहीं चूक रहे कि जीएसटी से किसान सहित सभी वर्गों को सुविधा होगी। इस बात से भूमिपुत्र भी एकराय जाहिर नहीं कर रहा क्योंकि मानसून आने को है और किसान खेत की ओर बढ़ने के बजाय अपने कर्ज के बोझ को लिए लिए सरकार का ध्यानाकर्षण करने में व्यस्त हो गया है।* कपड़ा व्यापारियों ने तो जीएसटी के विरोध में दिल्ली में एकराय होकर 27, 28, 29 जून यानी तीन दिनी बंद का ऐलान कर ही दिया है। कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि 30 जून को सरकार की नीति और रुख देखकर आगे का निर्णय लिया जाना है। यदि सरकार द्वारा राहत नहीं दी गई तो एक जुलाई से कपड़ा मार्केट अनिश्चितकालीन बंद रखने की बात भी कपड़ा व्यापारियों ने कह दी है। यानी इसी प्रकार जीएसटी के बादल छाए रहे तो कपड़ा मार्केट पर बंद की भारी बारिश की आशंका प्रबल है। यहां बीकानेर में भी व्यापार-उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने ऐसी स्थिति पर रोष व्यक्त किया है। *कपड़ा व्यापारियों के संघर्ष से जुड़े बीकानेर व्यापार मंडल के घनश्याम लखाणी का कहना है कि व्यापारियों-उद्यमियों को मोदी सरकार से ऐसी अपेक्षाएं कतई नहीं थी कि उनकी जल्दबाजी से लागू की जा रही नीतियां देश के बाजारों को डगमगा दे।* लखाणी ने कहा कि *इस कर-व्यवस्था से सुविधाएं गिनाई जा रही हैं लेकिन व्यापार करना कितना कठिन होगा व कौन-कौन सी चीजों में लागत बढ़ने से मूल्य वृद्धि हो जाएगी इसका अनुमान तक सुनने को हमारे नगर के सांसद और केंदीय वित्त राज्य मंत्री  तैयार नहीं है।* लखाणी ने कहा कि *बीकानेर के सांसद एवं वित्त राज्य मंत्री को अपने संसदीय क्षेत्र की मेहनतकश आधी आबादी तक की परेशानी दूर करने की चिंता नहीं है।* उन्हें बीकानेरी भुजिया-पापड़ व्यवसायियों ने बता दिया है कि *बीकानेरी पापड़ उद्योग के प्रभावित होने से पापड़ बटाई कर घर चलाने वाली महिलाओं की रोजी ही नहीं, उनके परिवार के सदस्यों की रोटी तक थाली में कम होने की आशंका के बादल घिरे हुए लगते हैं।* लखाणी ने *चेतावनी देते कहा कि मंत्री यदि आशंका के बादलों को तितरबितर नहीं करेंगे तो बीकानेर के व्यापारी-उद्यमी आंदोलन को तीव्र करते हुए उनका भी विरोध करेंगे।*

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