चुनाव : पर्दे के पीछे - इधर छिटपुट घटनाओं के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ा, उधर तेजस-सी उड़ान संग नए समीकरण उभरने के कयास...!
- मोहन थानवी
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का मतदान दिवस यानी 25 नवंबर 2023 शनिवार। इसके साथ ही यह दिन अपने आप में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाने वाले तेजस की उड़ान के पन्ने भी समेटे हुए होगा। शनिवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने फाइटर प्लेन तेजस में उड़ान भरी। इधर राजस्थान में मतदान का प्रतिशत सुबह से ही बीते चुनाव के मुकाबले बढ़ा हुआ दिखाई देने लगा। लेकिन इसी के साथ ही सीकर और कुछ अन्य जगहों से तनाव भरी तनाव भरी बातों की खबरें भी आने लगी।
सुखद पहलू यह रहा है कि कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। शाम गहराते गहराते मतदान प्रतिशत बीते चुनावों के मतदान प्रतिशत की लकीर को पार करता हुआ नजर आ ही गया। हालांकि दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों का यह मानना रहा की वह जीत रहे हैं। दूसरी और करीब करीब तीन दर्जन ऐसे चेहरे भी हैं जो किसी दल में शामिल नहीं होते हुए भी अपनी जीत का दम भर रहे हैं। और इन्हीं चेहरों को देखते हुए लोग दबी आवाज में नए समीकरणों की ओर इशारा भी करते हैं।
लब्बोलुआब यह की लोग अब भी किसी एक राजनीतिक दल को बहुमत की सीटें आने की बात खुलकर नहीं कह रहे। कुछ लोगों का यह भी मानना है की 3 दिसंबर को मतगणना का परिणाम नए समीकरणों को जन्म देगा। पर्दे के पीछे फुसफुसाहट यह भी है की बागी चेहरों के साथ ही अपने ही दल की ओर से उदासीनता का दंश झेल रहे कुछ चेहरे मिलकर नए समीकरणों को सामने ला सकते हैं। और ऐसा दोनों पार्टियों में से किसी एक पार्टी के सहयोग के बिना संभव नहीं होगा। भाजपा और कांग्रेस के ऐसे ही एक-एक चेहरे को तो इशारों इशारों में पहचानना मुश्किल भी नही है। उनके अपने समर्थक गुट के जीते हुए चेहरे और निर्दलीय जीत कर आने वाले चेहरों से मिलकर बने राजनीतिक परिदृश्य में एक नए नकोर चेहरे की आकृति को देखा जा सकता है।
मतदाता भी यह बात भली भांति जानते और समझते हैं कि जब निर्णय सामने आएगा तो प्रतिद्वंद्वियों में से एक प्रत्याशी अवश्य जीतेगा। जो पीछे रह जाएगा वह आगामी चुनाव की तैयारी में जुट जाएगा।
मतदान प्रतिशत को लेकर आम जन में विभिन्न विचार पहले से ही रहे हैं। कुछ लोगों का यह मानना रहा है कि मतदान प्रतिशत बढ़ने का मतलब है सत्ता परिवर्तन का संकेत। जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि मतदान प्रतिशत लोगों में जागरूकता बढ़ाने के कारण भी बढ़ती है।
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