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अंतिम पायदान की जातियों को शिक्षा, प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी दिलाना चाहता हूॅं- चौ. विनोद अंबेडकर






*खबरों में बीकानेर*













*खबरों में बीकानेर*

अंतिम पायदान की जातियों को शिक्षा, प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी दिलाना चाहता हूॅं- चौ. विनोद अंबेडकर।
(परिवर्तन संस्था का तृतीय जिला अधिवेशन करौली )

17 सितम्बर, गर्ग पैलेस, हिंडौन गेट बागुर, करौली (राज.) में 'शिक्षा, प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी' को लेकर परिवर्तन संस्था जिला शाखा द्वारा तृतीय जिला अधिवेशन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष वेदवीर सिंह आदिवासी ने की । इस अवसर पर संस्था प्रमुख चौ.विनोद अंबेडकर की गरिमामई उपस्थिति बतौर मुख्य अतिथि रही। संस्था के केंद्रीय प्रचार सचिव सोनू सिंह अंबेडकर, प्रदेश महासचिव रामबाबू जी गोडीवाल, गोपाल जी धमोनिया, रमेश चंद साहू, संजय कुमार,ओमप्रकाश जी विशिष्ठ अतिथि रहे।
अधिवेशन का आरंभ बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के तेल चित्र पर पुष्प अर्पित कर संस्था के समूहगान के साथ हुआ।

अधिवेशन में विषयगत उद्बोधन देते हुए मुख्यातिथि संस्था प्रमुख चौ. विनोद अंबेडकर ने कहा कि-'अगर अंतिम पायदान के समाज को अग्रणीय पंक्ति में आने के लिए शिक्षा, प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी लेनी होगी और इसके लिय सामाजिक एकजुटता पहली शर्त है। परंतु जो समाज महापुरुषों एवं अपने इतिहास को नही जानता वह समाज कभी सामाजिक रूप से एकजुट नही हो सकता और बिखरा हुआ समाज हमेशा दीनहीन बना रहता है। आप लोग अपनी दशा तो देखो ? न शिक्षा में, न प्रशासन में न सत्ता में, आपको किसी भी क्षेत्र में न तो जनसंख्या अनुपात में हिस्सेदारी मिल रही है और न सामाजिक सम्मान इसीलिए; आप लोगो पर अत्याचार होते है, आपकी हकमारी हो रही है, आखिर कब तक गरीबी और जिल्लत का जीवन जिओगे ? आप लोगो की ऐसी दशा से बहुत चिंतित और चिंतनशील हूॅं । "मैं अंतिम पायदान की जातियों को शिक्षा, प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी दिलाना चाहता हूॅं ।" इसी मार्ग से तुम पर होने वाले अत्याचार और हकमारी रुकेगी। आप लोग मुझपर भरोसा करके फुले, अंबेडकर, कांशीराम की विचारधारा से सामाजिक एकजुटता पैदा करने में सहयोग करें, तो मैं आप लोगो को शिक्षा प्रशासन और सत्ता में भागीदारी बोनस में दूॅंगा। लेकिन आपकी प्राॅब्लम ये है कि आपको दोस्त और दुश्मन की पहचान नही है। तुम उन्ही राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों और तथाकथित नेताओं के पीछे दौड़ते रहते हो, जो तुम्हें हमेशा अपना पिछलग्गू बनाए रहते है। ध्यान रहे उनकी मनसा कभी भी तुम्हें कुछ देने की नहीं हैं। तुम तो बस उन लोगों के लिए वोट भर हो या तो फिर सस्ते गुलाम।" 
अध्यक्षणीय भाषण में केंद्रीय अध्यक्ष वेदवीर सिंह आदिवासी जी ने कहा कि-" संस्था प्रमुख फूले, अंबेडकर, कांशीराम की विरासत के वारिस है और आपको मान सम्मान, शिक्षा प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी दिलाने के लिए 28 वर्षो से सत्यनिष्ठा के साथ जी जान से जुटे हुए हैं । इन्होंने समाज हित में आई.ए.एस. की परीक्षा बीच में छोड़ी, एम.एल.ए (विधायक) के ऑफर को ठुकराया, SC/ST एक्ट बचाने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन में निर्दोष होते हुए भी लगभग छह माह की जेल काटी इतना बड़ा त्याग, बलिदान, साहस फूले, अंबेडकर, कांशीराम के बाद अगर किसी दलित नेता ने किया तो वह और कोई नही बल्कि हमारे बीच साधारण रूप से बैठे हुए संस्था प्रमुख चौ. विनोद अंबेडकर हैं। ये चाहते तो गाड़ी, बंगला, ऐशो आराम का जीवन चुन सकते थे लेकिन आप लोगो की खातिर इन्होंने अभाव और बेबसी का जीवन चुना क्योंकि इनकी मनसा स्वयं को नही बल्कि समाज को लाभान्वित करने की है इसलिए वक्त रहते उनका साथ सहयोग करो।"

अधिवेशन का मंच संचालन महिला विंग जिलाध्यक्ष गरिमा चौधरी व जिलाध्यक्ष अनूप कुमार जी ने संयुक्त रूप से किया। अधिवेशन में मुख्यरूप से सूरज डागर, दिलीप कुमार, अमित तेज़ी, अनूप कुमार,चेतन हल्दिया, राजीव कुमार, ऋषभ कुमार, रवि कुमार, त्रिलोक बारासा, अजय, मुकेश गोयर, प्रवीण लखन,संदीप डागर, गयासी नेता,मनोज जी, मुन्ना हल्दिया प्रकाश,महेश, राहुल, राधेश्याम l हिंडौन से चरणदास जादों, संजय कुमार, सवाई माधोपुर से श्री किशन गोयर, रमेशचन्द , गंगापुर से गोपाल , सतीश धमोनिया, ओमप्रकश घेंघट , केलादेवी से जीतू , मासलपुर से भंवर सरपंच आदि की गरिमामयी उपस्थिति रहीं l 


 


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