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प्रदेश के विद्यालयों में “मानवीय मूल्यों की शिक्षा : एक कदम विद्यालय की ओर ” कार्यक्रम चलाएगा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय Bikaner Technical University will run "Education of Human Values: One Step towards School" program in schools of the state

*BAHUBHASHI*
*खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 

Bikaner Technical #University will run "Education of Human Values: One #Step towards School" program in schools of the state


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 🙏 मोहन थानवी 🙏




 
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प्रदेश के विद्यालयों में “मानवीय मूल्यों की शिक्षा : एक कदम विद्यालय की और ” कार्यक्रम चलाएगा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय

 

स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक विद्यार्थी तय करेंगे मानवीय मूल्यों की गौरव यात्रा

 

मानवीय मूल्यों का समावेश शिक्षा को अधिक प्रभावपूर्ण बनाता है : कुलपति प्रो. एच.डी.चारण

 

 बीकानेर, 17 जनवरी, प्रदेश की तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों के प्रशिक्षण अभियान को सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के बाद अब बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय सम्पूर्ण प्रदेश के विद्यालयों में “मानवीय मूल्यों की शिक्षा : एक कदम विद्यालय की और ” अभियान का आगाज करने जा रहा है। प्रदेश की तकनीकी शिक्षा से जुड़े सम्बद्ध महाविद्यालयों में पूर्व में क्रियान्वित किए गए इस कार्यक्रम को लेकर विधार्थियों के नैतिक विकास, सामजिक दाइत्वो की पहचान और शैक्षणिक उन्नयन को लेकर काफी आशाजनक परिणाम सामने आए हैं साथ ही विधार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर प्रतिबद्ध बीटीयू के इस नवाचार ने सम्पूर्ण प्रदेश अपना परचम लहराया हैं। विस्तृत जानकरी प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की बीटीयू दुवारा इस अभियान का विस्तार करते हुए क्षेत्राधिकार के सम्बद्ध महाविध्यालयों के निकटतम उच्च माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 11वीं व 12वीं के विधार्थियों हेतु विद्यालय स्तर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय दुवारा “मानवीय मूल्यों की पाठशाला” प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमे सभी सम्बद्ध महाविध्यालयों को नोडल सेंटर बनाया गया है और प्रत्येक नोडल सेंटर पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई जो स्कूली शिक्षा के विधार्थियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेगा एवं महाविद्यालय इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। नोडल महाविद्यालय विधालयो का चयन कर वहां के विधार्थियों से संवाद स्थापित करेंगे तथा कार्यशालाओ का आयोजन कर इस योजना को मूर्तरूप प्रदान करेंगे।

   

अभियान के उदेश्य पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कुलपति प्रो. एच.डी.चारण ने कहा की स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक विधार्थियों में मानवीय मूल्यों की भावना का संचार करने और उनके सामाजिक एवं नैतिक दाइत्वो को विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय स्कूली विधार्थियों को इस नवाचार का हिस्सा बनाने जा रहा है । इस अभियान की पूर्व सफलता से स्कूली शिक्षा के विधार्थियों को लाभ मिलेगा व उच्च शिक्षा में प्रवेश करने की अवधि में वह मानवीय मूल्यों की परीभाषा को समझ सकेंगे। वर्तमान विधार्थियों में हुए मूल्यह्रास ने उनके स्तर को गिराया है, ऐसे में मानवीय मूल्यों का ज्ञान शिक्षा व्यवस्था की प्राथमिकता बन गया है। शिक्षा प्राप्ति की एक सुविचारित नीति होनी चाहिए । विधार्थियों की शुरू से ही यह जानकारी देनी चाहिए कि जीवन में आगे चलकर उन्हें किन समस्याओं से जूझना होगा उन्हें यह पता होना चाहिए कि जीवन जीने के मार्ग अनेक हैं लेकिन उन्हें उसी मार्ग को ही चुनना है जो जीवन के लिए श्रेयस्कर है । मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान करने से ही भावी नागरिक तैयार होंगे ,उनकी सोच में बदलाव आएगा । ऐसे में विद्यार्थियों को नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों से परिचित करवाना आवश्यक हो जाता है।



शिक्षा यदि विद्यार्थियों में प्रेम, दया, विश्वास, करुणा व त्याग की भावनाएं पैदा नहीं करती, तो ऐसी शिक्षा भविष्य में निरर्थक व अनुपयोगी सिद्ध होती है।शिक्षा के माध्यम से केवल भौतिक संपन्नता प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं होता, शिक्षा द्वारा हम एक अच्छे इंसान और बेहतर नागरिक भी बनने चाहिए । परंपरागत मूल्यों को आवश्यक संशोधन के साथ स्वीकार कर लेना चाहिए। परंपरा के साथ नवीन ज्ञान-विज्ञान, श्रेष्ठ मूल्यों व नैतिक आदर्शों का समावेश शिक्षा को अधिक प्रभावपूर्ण बना सकता है। शिक्षा को अधिक से अधिक रोजगारपरक बनाया जाए, तभी विद्यार्थी अपने भविष्य को सुरक्षित बनाकर बेहतर इंसान बन सकते हैं। विद्यार्थी हमारी शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। योग्य समर्पित, ईमानदार, सहृदय व निष्ठावान विद्यार्थी वर्तमान शिक्षा के स्वरूप में बदलाव ला सकते हैं। इस संदर्भ में विद्यार्थी का उत्तरदायित्व महत्त्वपूर्ण है, उसे पूर्ण करने के लिए उसे निरंतर अध्ययन, मनन व कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है। वर्तमान संदर्भ में शिक्षा केवल भौतिक उपलब्धियां प्राप्त करने का साधन ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के बौद्धिक व मानसिक विकास का भी सशक्त माध्यम होनी चाहिए। वह विद्यार्थियों में नई चेतना, नई उमंगों को जगाते हुए उन्हें मानवीय मूल्यों व आदर्शों से भी जोड़े। शिक्षा में भौतिकवादी दृष्टिकोण विद्यार्थी को अराजक वृत्तियों की ओर ले जाता है। समाज में फैली विकृतियों को मानवीय मूल्यों, आदर्शों व संवेदनशीलता से जोड़ना होगा।

 

शिक्षा के दो उद्देश्य होने चाहिए की वह लोगों को अपने देश के गौरवपूर्ण अतीत के बारे में बताए और उनके जीवन को एक सही दिशा दे। मनोविज्ञान के अनुसार मनुष्य का दिमाग दो हिस्सों यानी दाएं और बाएं में बंटा होता है। दाएं हिस्से में सृजनशीलता, आत्मज्ञान, कल्पना, विश्वास, प्यार, सहानुभूति और सहनशीलता जैसे भावनात्मक गुणों का वास होता है। बायां हिस्सा तर्क, निर्णय और पड़ताल जैसे विचारों को नियंत्रित करता है। शिक्षा भी ऐसी ही होनी चाहिए जो मनुष्य के व्यक्तित्व में इन दोनों हिस्सों का विकास करे। मानवीय मूल्य एक सफल जीवनपद्धति है जो विधार्थियों को जीवन जीने का नया दर्शन देगी।  

 

विश्वविद्यालय के “मानवीय मूल्य प्रकोष्ठ” दुवारा “मानवीय मूल्यों की शिक्षा : एक कदम विद्यालय की और ” बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय का स्कूली शिक्षा के विद्यार्थियों में उनके समाज, देश और व्यस्था के प्रति निष्ठा और सामाजिकता को विकसित करने का अभियान है। वर्तमान भौतिकवाद के वातावरण में विद्यार्थियों और अभिभावको के मध्य प्रगाढ़ संबंधो के सुधार पर भी यह अभियान कार्य करेगा। ज्ञातव्य है की शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों के समावेश विषय पर विश्वविद्यालय उच्च एवं तकनिकी शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु उल्लेखिनीय कार्य कर चुका है जिसे तकनीकी शिक्षा से जुड़े हितधारको दुवारा सराहा गया है। विश्वविध्यालय मूल्यपरक शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, तथा अपने इस कार्य की दृद संकल्पता के कारण आज विश्वविध्यालय ने असंख्य विद्यार्थियों को मानवीय मूल्यों के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है ।



 📒 CP MEDIA 





 🙏 मोहन थानवी 🙏 


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