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रासायनिक पदार्थों से अंधाधुंध उपयोग से प्रदूषित हुए भूमि, वायु और जल - कुलपति
‘उद्यमिता विकास के लिए जैव नियंत्रकों का व्यापक उत्पादन’ विषयक प्रशिक्षण प्रारम्भ
बीकानेर, 24 दिसम्बर। राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत ‘उद्यमिता विकास के लिए जैव नियंत्रकों का व्यापक उत्पादन’ विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार को कृषि महाविद्यालय सभागार में प्रारम्भ हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कहा कि पिछले कुछ सालों से रासायनिक पदार्थों के अंधाधुंध उपयोग के कारण भूमि, वायु और जल प्रदूषित हो गए हैं। मानव स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इससे बचने के लिए जैव नियंत्रकों का उपयोग करना आवश्यक है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। लागत कम और उत्पादन में वृद्धि होगी।
कुलपति ने कहा कि कृषि विद्यार्थी इसका विशेष ध्यान रखें तथा प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त ज्ञान का व्यावहारिक जीवन में उपयोग करें। उन्होंने युवाओं से उच्च शिक्षा के साथ कौशल विकास का आह्वान किया। उनहोंने कहा कि भारत ‘कृषि करो या ऋषि बनो’ की परम्परा का संवाहक रहा है। उन्होंने कृषि एवं पशुपालन को एक-दूसरे का पूरक बताया।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. आई. पी. सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं में एंतरप्रेन्योर क्षमता का विकास करना है। इसके अनुरूप प्रशिक्षण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे बचने के लिए जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा।
परियोजना प्रभारी और कृषि व्यवसाय प्रबंध संस्थान निदेशक प्रो. एन. के. शर्मा ने कहा कि आज रसायन प्रभावित सब्जियां, फल और अनाज खा रहे हैं। इससे बीमारियां और चिकित्सा व्यय बढ़ा है। अब समय आ गया है कि हम भूमि, हवा और पानी के स्वास्थ्य की चिंता भी करें।
प्रशिक्षण समन्वयक डाॅ. ए. के. मीणा ने बताया कि पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण में कृषि महाविद्यालय के 30 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण 31 दिसम्बर तक चलेगा। इसमें विश्वविद्यालय तथा आइसीएआर सहित नाबार्ड और कृषि विभाग के विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
पादप रोग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. दाताराम ने आभार जताया। संचालन डाॅ. अर्जुनलाल यादव ने किया। इस दौरान डाॅ. बी.डी.एस. नाथावत, डाॅ. मनमीन कौर, डाॅ. आर. के जाखड़ सहित प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।
शैक्षणिक गुणवत्ता पर दिया जोर
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कृषि महाविद्यालय की एक्सपेरिमेंटल लर्निंग यूनिट का निरीक्षण किया तथा इसकी कार्यप्रणाली के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता बरकरार रहे। आवश्यकता के अनुसार प्रोफेसर भी स्नातक की कक्षाएं लें। प्राध्यापक पूर्ण तैयारी के साथ कक्षाओं में जाएं तथा स्मार्ट तरीके से अध्यापन हो। अधिष्ठाता इसकी नियमित माॅनिटंरिंग करें। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्षों एवं प्राध्यापकों की बैठक शीघ्र ही आयोजित होगी। उन्होंने एक्सपेरिमेंटल साइट का विजिट करते हुए विद्यार्थियों से शोध कार्यों की जानकारी ली। इससे पूर्व कुलपति विंटर स्कूल के प्रतिभागियों से मिले।
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