आकाश मेरा है सिंधी से अनूदित कहानी .../ *BAHUBHASHI* *खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 ✍️ 🙏 मोहन थानवी 🙏 …
घास खाने को नहीं मिलती बरसात के बाद जल गई तेज धूप से मैं पषुओं को ले दर-दर भटकता रहा षहर और गांवों में टीवी, रेल, हवाई…
मित्र सुरेश हिंदुस्तानी की काव्य पंक्तियां... विस्मृत प्यार... तुम्हारे प्यार में विस्मृत है प्यार के अर्थ शब्द, ताल,…
दर्द आंख उठाकर देख सकता नहीं नजर मिला सकता नहीं देता जो हमेशा दूसरों को तिरस्कार अपनापन किसी से ले सकता नहीं हृद…
bahubhashi: नींद में जागा-जागा- सा......वह भागता रहा वह यूं ही भागता रहा उसके पीछे... इंद्रधनुष को पकड़ने वह क…
वह यूं ही भागता रहा उसके पीछे... इंद्रधनुष को पकड़ने वह कल से आज तक भागता रहा हर बार वह बस... थोड़ी दूर ही रह गया…
काव्यांश ... मत भूल संसार में अंग-देश भी है एक और राजा-चित्ररथ6 की रानी है प्रभावती प्रस्तर-चित्र बनना है अगर तो सूर…
अध्यात्म और प्रबंधन - 1 कर्म, प्रबंधन और फल ं भीतर के द्वन्द्व और उमड़ते विचारों को षब्दाकार देना अज्ञान को दूर करने…
बचपन खेल-खिलौनों तक ही नहीं सिमटा रहता बचपन दादी -नानी और दादा -दादी के साथ बीतता है बचपन कहानियों के दौर से भी आगे…
सम्मति - मीनाक्षी स्वर्णकार की काव्यकृति ‘‘कोंपलें’’ परवाज के लिये कोंपलों के हौसले बुलंद है। क्योंकि सृजन के प्रति सम…
सम्मति - मीनाक्षी स्वर्णकार की काव्यकृति ‘‘कोंपलें’’ परवाज के लिये कोंपलों के हौसले बुलंद है। क्योंकि सृजन के प्रति स…
झोली भर दुखड़ा अ’र संभावनावां रा मोती झोली भर दुखड़ा (एक डाक्टर की डायरी) मूल हिंदी - डा श्रीगोपाल काबरा राजस्थ…
पिता ऐसा ही कहते हैं बढ़ता अनाचार रिश्तों को डुबो रहा आंख का पानी सूखा इशारे बेमानी हुए जमाना पैसे की गुड़िया का दास…
यत् ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे - 1 - यत् ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे - - लेखक श्री सुदर्शन शर्मा "रथांग" मुंबई जो…