अच्छी भई, गुड़ सत्तरह सेर
... दूसरे ग्रह के प्राणी इस धरा पर आते थे ? एलियन... ?
रंगबिरंगी पतंगों से घिरा बीकानेर का आकाश
प्रलाप
सुनहरा महल :  कथा अंश
सुनहरा महल :  कथा अंश
किताब के खुले पन्ने...
बर्फ  पिघल  गई...
पेड़ फिर शाखाहीन होने लगा है....
तस्वीर
हजारों मुसलमानों की उपस्थिति मे सम्पन्न हुई महापंचायत
फिर से बचपन पा जाना...
 दीर्घकालिक यात्रा को सूक्ष्म बना देने वाली शक्ति का अस्तित्व
मानता नहीं दिल । सच ।
इसे माया कहें...! या... मंथन करें...!!
कुछ बहुत,  कुछ - कुछ; कुछ बहुत कुछ, बहुत - कुछ
camel fastival :- बर्फानी ओढणी सूं बारै आ पूग्या मरुधरा रौ जहाज देखण नै
गढ़ों में गुमटियां ज्यों प्रहरियों की यारों
 हर दफतर में, नांगनि सां बिर भरियल आहिनि
ज़्यादा पोस्ट लोड करें कोई परिणाम नहीं मिला