संदेश

कुछ बहुत, कुछ - कुछ; कुछ बहुत कुछ, बहुत - कुछ

camel fastival :- बर्फानी ओढणी सूं बारै आ पूग्या मरुधरा रौ जहाज देखण नै

गढ़ों में गुमटियां ज्यों प्रहरियों की यारों

हर दफतर में, नांगनि सां बिर भरियल आहिनि

तारीख भी क्या कमाल करती...रोशन राहों पे ला सजा देती है...

हजार हवेलियों का शहर के रचनाकार श्री उपध्यानचंद्र कोचर

ये प्यास है ही बड़ी ... आब की बात है प्यास की बात है