बेड़ियां टूटी या प्रतीक बनाए कृष्ण तेरी लीला में रहस्य समाए
खामोशी गाती...  कविता
फिर से बचपन पा जाना...
क्रिकेट डे --- मैच रोमांचक क्षणों में था...
राग दरबारी गूंजता रहा है... गूंजता रहेगा
करतार सिंह / सिन्ध ही नहीं पूरे हिन्दुस्तान के बाल-गोपालों के बचपन के दिन अभी खत्म भी नहीं हुए थे कि उन पर जिन्दगी की जिम्मेवारियों का पहाड़ लाद दिया गया
नींद में जागा-जागा- सा...
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