महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ राजस्थानी विभाग

*खबरों में बीकानेर 🎤*

एमजीएसयू मेें राजस्थानी विभाग का हुआ शुुुुभारंंभ


बीकानेर 22/9/18 । राजस्थानी भाषा और संस्कृति अपनी विशिष्टता के कारण पूरे देश में अलग पहचान रखती है। शालीनता, सभ्यता और अपनेपन की इस भाषा को संवैधानिक मान्यता देना समय की ज़रूरत है। एमजीएसयू ने इसी पुनीत प्रयास में सहयोग के लिए अपने यहां राजस्थानी विभाग खोला है। विवि के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने यह बात महर्षि वशिष्ठ भवन सभागार में राजस्थानी विषय के शुभारंभ समारोह में कही। 'मायड़भासा री ओलखाण ' आयोजन को संबोधित करते प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि शीघ्र ही इसे पूर्ण विभाग के रूप में स्थापित किया जाऐगा। उन्होंने कहा कि इस विषय का पाठ्यक्रम साहित्यकारों, समाज शास्त्रियों व शिक्षकों के सहयोग से तैयार किया जाऐगा। कुलपति ने समारोह में विश्वविद्यालय से पीएचडी राजस्थानी में प्रारंभ करने व इस के लिए छः सीट अलाॅट होने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने राजस्थानी का एक पुस्तकालयतैयार करने व उदयपुर, जोधपुर व बीकानेर विश्वविद्यालयों के राजस्थानी विभागों का अकादमियों से जुड़कर संगोष्ठीयां आयोजित करने का सुझाव भी मंच से दिया। उन्होंने राजस्थानी को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए तीनों विश्वविद्यालयों का एक संयुक्त पत्र भी सरकार को लिखने की बात कही। 
अतिथि डाॅ. मंगत बादल ने राजस्थानी को जीवन की भाषा बताया व चिंता जताई कि मान्यता न मिलने के कारण हमारी संस्कृति विलुप्त हो रही है। समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. नारायण सिंह राव ने इसे कुलपति का राजस्थानी भाषा विकास व मान्यता की दिशा में महती कदम बताया। समारोह में सविता चांवरिया द्वारा 'केसरिया बालम आवो ' पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम संयोजन राजस्थानी विभाग की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने  किया।
-✍️ मोहन थानवी


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ