एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में भारत को उसका 37वां विश्व यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मिला
      एक अन्य ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप मेंभारत के मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स‘ को यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित किया गया। यह निर्णय आज बहरीन के मनामा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में लिया गया। जैसीकि विश्व धरोहर समिति ने अनुशंसा कीभारत ने इंसेबल का नया नाम मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स‘ स्वीकार कर लिया।
भारत मानदंड (2) एवं (4) के तहतजैसाकि यूनेस्को के संचालनगत दिशानिर्देशों में निर्धारित किया गया है, ‘मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबलको विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित करवाने में सफल रहा है।
इससे मुंबई सिटी अहमदाबाद के बाद भारत में ऐसा दूसरा शहर बन गया है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित है।
इस ऐतिहासिक क्षण पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने मुंबई के निवासियों और पूरे देश को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है।
 यह इंसेम्बल दो वास्तुशिल्पीय शैलियों19वीं सदी की विक्टोरियन संरचनाओं के संग्रह एवं समुद्र तट के साथ 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों से निर्मित्त है।
यह इंसेम्बल मुख्य रूप से 19वीं सदी के विक्टोरियन गोथिक पुनर्जागरण के भवनों एवं 20वीं सदी के आरंभ की आर्ट डेको शैली के वास्तुशिल्प से निर्मित्त है जिसके मध्य में ओवल मैदान है।  
यह उत्कीर्णन मानदंड (2) एवं (4) के तहतजैसाकि यूनेस्को के संचालनगत दिशानिर्देशों में निर्धारित किया गया हैकिया गया है।
इसके अतिरिक्तदेश के 42 स्थल विश्व धरोहर की प्रायोगिक सूची में हैं और संस्कृति मंत्रालय प्रत्येक वर्ष यूनेस्को को नामांकन के लिए एक संपत्ति की अनुशंसा करता है।