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सखा संगम का वार्षिक समारोह : डा मुरारी शर्मा और उद्योगपति कन्हैयालाल बोथरा सम्मानित

मित्रता सहभागिता जीवन का संगीत
सहभागिता, आत्मीयता और खरापन बीकानेर की खासियत है

Bikaner . सखा संगम के वार्षिक समारोह में डा0 मुरारी शर्मा, के0 एल0 बोथरा का सम्मान
बीकानेर 4 अप्रेल । मित्रता, सहभागिता, आत्मीयता और खरापन बीकानेर की खास पहचान है जिसमें जीवन का मधुर संगीत धडकता है । बुधवार की शाम महाराजा नरेन्द्रसिंह ऑडिटोरियम में आयोजित सखा संगम के छठे वार्षिक समारोह के संवाद में यह बात उभरकर आयी । कार्यक्रम मे नगर के वरिष्ठ संगीतज्ञ डा0 मुरारी शर्मा तथा उद्योगपति कन्हैयालाल बोथरा का सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बीकानेर (पष्चिम) के विधायक डा0 गोपाल जोषी ने कहा कि बीकानेर के विकास में उद्योग, साहित्य, संस्कृति से जुडी विभूतियों का योगदान अविस्मरणीय है । डा0 जोषी ने सम्मानितजनों के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि डा0 शर्मा व बोथरा अपने अपने क्षेत्रों में नई दिषा प्रदान कर रहे है । मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद ने कहा कि नगर के संगीतज्ञों, साहित्यकारों ने जीवन संगीत को मुखर बनाया है । विनोद ने कहा कि बीकानेर की पहचान बीकानेरीयत है जिसमें जीवटता, आत्मीयता और प्रेम का संगीत है । विषिष्ठ अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आषावादी ने कहा कि आज के दौर में सखा भाव का मिलना गौरव का विषय है जिसमें आपसी प्रेम के रिष्ते मजबूत होते है । नगर परिषद के पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास ने कहा कि संगीत के क्षेत्र में डा0 मुरारी शर्मा एक महान संत है । राजस्थानी कवि कमल रंगा तथा कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने सम्मानित विभूतियों का परिचय प्रस्तुत किया । संयोजक राजेन्द्र जोषी ने बीकानेर की साहित्यिक सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाष डाला । कार्यक्रम में केन्द्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली में राजस्थानी भाषा संयोजक चुने जाने पर साहित्यकार मधु आचार्य का भी विषेष सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम में सखा संगम के अध्यक्ष एन0 डी0 रंगा ने अतिथियों का स्वागत किया । समन्वयक चन्द्रषेखर जोषी, बुलाकी शर्मा, ब्रजगोपाल जोषी, भगवानदास पडिहार, नागेष्वर जोषी, डा0 अजय जोषी, अषफाक कादरी, लूणकरण छाजेड, जनमेजय व्यास ने अतिथियों का शॉल ओढाकर, स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मान किया । कार्यक्रम में युवा गायक पुखराज शर्मा, गौरीषंकर सोनी, सोमेष जावा, मुकेष चांवरिया ने सरस्वती वंदना, राजस्थानी गीत, भजन, गजल प्रस्तुत किये । उस्ताद गुलाम हुसैन ने तबला संगत की । कलाकारों को स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया । कार्यकम में जनजीवन कल्याण सेवा समिति द्वारा संस्कृतिकर्मी एन0 डी0 रंगा का अभिनन्दन किया गया ।
कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार मुरली मनोहर के0 माथुर, वरिष्ठ रंगकर्मी बी0 एल0 नवीन, फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, प्रो0 ओम कुवेरा, बाबूलाल छंगाणी, डा0 कल्पना शर्मा, चतुर्भुज शर्मा, ओमप्रकाष सोनी, ऋषि कुमार अग्रवाल, राकेष बिस्सा, नरेन्द्र सिंह, षिवषंकर शर्मा, मोहनलाल मारू, श्रीमती राजकुमारी मारू, सुधा आचार्य, डा0 सुषमा बिस्सा, डा0 राजभारती शर्मा, डा0 प्रीति गुप्ता, सरोज ओझा, डा0 मधुरिमा सिंह, घनष्याम सिंह, पवन सोनी, गिरीराज पारीक साक्षी बने । सखा संगम के हीरालाल हर्ष ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।


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