फ्लैगशिप योजनाओं की न्यून उपलब्धि की स्थिति में सम्बंधित अधिकारी को सिर्फ बैठकों में समझाएं नहीं बल्कि नोटिस देकर जवाब तलब करें

बीकानेर  30 मई, 2017। फ्लैगशिप योजनाओं की न्यून उपलब्धि की स्थिति में सम्बंधित अधिकारी को सिर्फ बैठकों में समझाएं नहीं बल्कि नोटिस देकर जवाब तलब करें ताकि जवाबदेही तय हो सके। मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) यशवंत भाकर ने सीएमएचओ को फ्लैगशिप कार्यक्रमों की पूर्ण तुलनात्मक रिपोर्ट के साथ अलग से समीक्षा के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री राजश्री योजना में एक भी बालिका भुगतान से वंचित ना रहे इसकी पुख्ता व्यवस्था, विशेषकर पीबीएम अस्पताल में ऐसे मामलों की संख्या ज्यादा होने पर नोडल अधिकारी को प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एएनसी के दौरान ही भामाशाह नामांकन व बैंक खाते का विवरण ले लिया जाए तथा ना हो तो नामांकन सुनिश्चित करवाया जाए। उन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में कम प्रगति वाली सीएचसी के प्रभारियों को अगली बैठक तक प्रगति सुनिश्चित करने, आदर्श पीएचसी पर कलेवा योजना को संचालित करते हुए शतप्रतिशत प्रसूताओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने, कुपोषण उपचार केन्द्रों पर अधिकाधिक अति कुपोषितों का उपचार करने व मौसमी बीमारियों की बेहतर रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए।
जिला स्वास्थ्य समिति के सदस्य सचिव व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने एजेंडावार विभिन्न बिन्दुओं पर गहन पड़ताल करते हुए कहा कि 3000 से अधिक नसबंदी केस के साथ जिला परिवार कल्याण में राज्य में अग्रणी है लेकिन इस उपलब्धि को बाकी 10 माह में भी बरकरार रखा जाए। उन्होंने कायाकल्प कार्यक्रम के तहत अधिकाधिक संस्थानों को पुरस्कार दिलाने की अपील की। निःशुल्क दवा योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नवल गुप्ता ने एक्सपायरी हो चुकी दवाओं के नियमानुसार समयबद्ध निस्तारण करने, स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रखने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुशील कुमार ने हाल ही में निरीक्षण के दौरान सीएचसी-पीएचसी पर पाई गई कमियों व उनके निवारण से सम्बंधित पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन दी। जिला टीबी अधिकारी डॉ. सीएस मोदी ने नवीन गाइडलाइन अनुसार टीबी के इलाज और खांसी के अधिकाधिक मरीजों की स्पुटम जांच रेफरल के निर्देश दिए।  
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. मंजुलता शर्मा ने मिशन इन्द्रधनुष के पुख्ता माइक्रोप्लान की आवशयकता प्रतिपादित की तथा टीकाकरण से वंचित ड्रापआउट व लेफ्टआउट बच्चों को हैड काउंट कर टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए। यूनिसेफ के संभागीय समन्वयक ललित रंगा ने नियमित टीकाकरण की मोनिटरिंग के लिए शुरू हुए नए मोबाइल एप ओना के बारे में बताया। एपीडेमियोलोजिस्ट नीलम प्रताप सिंह ने सभी चिकित्सा संस्थानों को धूम्रपान मुक्त घोषित करने और कोटपा एक्ट 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर अधिकाधिक चालान काटने के निर्देश दिए।

विटामिन ए अभियान का हुआ शुभारम्भ

बैठक के दौरान एडीएम यशवंत भाकर ने शहरी क्षेत्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर विटामिन ए के 33वें चरण का जिला स्तरीय शुभारम्भ किया। उन्होंने जिले में 3 लाख 65 हजार बच्चों को खुराक पिलाने के लक्ष्य को 30 जून तक शत प्रतिशत प्राप्त करने के निर्देश आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता को दिए।

वित्तीय नियमों का हो कड़ाई से पालन

सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने सभी संस्थानों को लेखा सम्बन्धी कमियां अगर कहीं हो तो समय रहते दूर करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगद भुगतान बिलकुल ना किया जाए और ना ही नगद शेष रखने की प्रवृति हो, बैंक रिकोंसिलेशन हर माह तैयार किया जाए और चिकित्सा अधिकारी प्रभारी नियमित इसका पर्यवेक्षण करे। लेखाधिकारी विजयशंकर गहलोत ने स्पष्ट किया कि किसी भी एक मुश्त 30,000 रूपए से अधिक या टुकड़ों में एक साल में 75,000 से अधिक के भुगतान पर टीडीएस अवश्य काटा जाए। सहायक लेखाधिकारी बजरंग लाल व्यास ने नकारा सामान को नियमानुसार नीलाम करने और खरीद में सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों के अनुसार आवश्यकतानुसार टेंडर की प्रक्रिया करने के निर्देश दिए। जिला लेखा प्रबंधक राजेश सिंगोदिया ने आरएमआरएस की नियमित बैठकें करने, ओपीडी का संग्रहण कम से कम साप्ताहिक नियमित बैंक में जमा करवाने व ओजस वाउचर पर चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ बेहतर हो समन्वय

महिला एवं बाल विकास तथा चिकित्सा विभाग द्वारा मिलकर बेहतर समन्वय के साथ काम करने के उद्देश्य से बैठक में उपनिदेशक आईसीडीएस रचना भाटिया व समस्त सीडीपीओ भी शामिल रहे। उपनिदेशक ने शत प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आशा सहयोगिनियों के चयन को पूर्ण करने के लिए दोनों विभागों के बेहतर समन्वय व पुख्ता प्रयासों की आवश्यकता प्रतिपादित की तथा सभी चिकित्साधिकारियों के माध्यम से नियमित आँगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण की नीति अपनाने की बात रखी। उन्होंने विटामिन ए अभियान को दोनों विभाग के समन्वित प्रयासों से सफल बनाने का आह्वान किया।
- मोहन थानवी

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