मिलकर मिटाएंगे भ्रूण हत्यारों का आतंक

बीकानेर 26/5/17। लिंगानुपात में सुधार को लेकर संचालित विभिन्न गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए शुक्रवार को उदयपुर में अंतरराज्यीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें राजस्थान एवं गुजरात के सीमावर्ती जिलों की भागीदारी बढ़ाने और समन्वय बिठाने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारी शामिल हुए। एनएचएम मिशन निदेशक नवीन जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में बीकानेर से राज्य डेकोय दल के सदस्य जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त पीसीपीएनडीटी पीडी रघुवीर सिंह, गुजरात के प्रमुख शासन सचिव जनस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के जेपी गुप्ता, नेशनल हेल्थ मिशन के मिशन डायरेक्टर गौरव दहिया, अरवल्ली, दाहोद, सांबरकांठा, बनासकांठा, माहीसागर के जिला कलक्टर, सीडीएचओ, विधिक अधिकारी सहित उदयपुर संभागीय आयुक्त श्री भवानी सिंह देथा, उदयपुर जिला कलक्टर विष्णु चरण मलिक एसआरकेपीएस स्वयंसेवी संस्था के राजन चैधरी तथा सिरोही, राजसमन्द, बाड़मेर, उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालौर के सीएमएचओ एवं बाड़मेर के विक्रम सिंह चंपावत ने शिरकत की।
एमडी नवीन जैन ने बताया कि राजस्थान एवं गुजरात राज्यों के पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ तथा प्लान इण्डिया व एसआरकेपीएस स्वयंसेवी संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी बनाते हुए सोनोग्राफी तकनीक के दुरूपयोग को रोकने, डिकॉय ऑपरेशन की प्रभावी क्रियान्विति के लिए साझा रणनीति तैयार करने पर विस्तार चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि लिंग जांच करने और भ्रूण हत्यारों  के आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ाई जारी रहेगी। सामूहिकता के साथ इस कलंक को देश से मिटाया जाएगा।

कारगर साबित होती मुखबिर योजना
श्री जैन ने बताया कि लिंग जांच कर गर्भपात करवाने वालों तक पहुंचने एवं उनके विरूद्ध उचित कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार की मुखबिर योजना कारगर साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 2.50 लाख की राशि का प्रदान करने का प्रावधान है जिसमें गर्भवती महिला को 1 लाख, मुखबिर को एक लाख एवं सहयोगी को 50 हजार रुपये सरकार की ओर से पुरस्कार स्वरूप दिये जाते हैं। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत करीब 32 लाख रूपये प्रदान किये हैं।

- मोहन थानवी

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