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ये प्यास है ही बड़ी ... आब की बात है प्यास की बात है
प्यास
प्रेम की हो
या
सूखे कंठ की
ऋतु हो सर्द
या
बासंतिक चले हवा
ऋतु हो परिवर्तन दौर में
या
हिम सा ठंडा हो प्रांगण
चलती जब हवा गर्म
इसी प्यास के बहाने
पिघलते हिमालय के दहाने
ये प्यास है ही बड़ी ...
आब की बात है
प्यास की बात है
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